वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१५ फरवरी २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
मुण्डक उपनिषद:
द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परिषस्वजाते ।
तयारन्यः पिप्पलं स्वाद्वत्त्यश्रत्रन्यो अभिचाकशीति ॥
प्रसंग:
साक्षी भाव कैसे उत्पन हो?
अपने जीवन के प्रति साक्षी कैसे हों?
साक्षित्व क्या है?